एक समय था जब भारत सोने की चिड़िया कहा जाता था। सब लोग कार्य में भी कुशल और बुद्धि में भी कुशल थे शायद भारत ही एक ऐसा देश था जहा पे कार्य और बुद्धि दोनों की कुशलता का समन्वय होता था क्यों की आमतौर पर देखा जाता है जहाँ पर कार्य की कुशलता हो वह बुद्धि की कुशलता नहीं होती और जहा बुद्धि की कुशलता हो वहा कार्य में कुशलता नहीं होती। भारत में इस का समन्वय क्यों हुआ था जवाब सिर्फ एक ही है उस वक़्त की शिक्षा व्यवस्था यानि गुरुकुल। आज हम चर्चा करेंगे की क्यों आधुनिक शिक्षण व्यवस्था युवा को सक्षम बनाने में विफल रही है और इस बारे में भी चर्चा करेंगे की कैसे हम अपनी गुरुकुल की कई बातो को लागु कर के इस विफलता को सुधार सकते है। आज भारत देश के पास कई समस्याए है ग़रीबी ,बेरोज़गारी , जिसको दूर करने के कई प्रयास हुए है और हो रहे है पर क्या हम सफल हुए है ? भारत में हर 100 मे से 65 लोग युवा है वो जो देश को आगे बढ़ाने की शक्ति रखते है पर फिर भी आज भारत देश इसका सदुपयोग नहीं कर पाया क्योंकी युवा तो है पर skilled नहीं है ऐसा नहीं है की पढ़े नहीं है पढ़े लिखे भी unskilled युवा भारत में दिख जायेंगे। खुल के बोलू तो