हमारी संस्कृति में कई सारे ग्रंथ लिखे गए है उनमें से ज्यादातर गीता, वेद और उपनिषद पढ़े जाते है, और वे है ही महत्व पूर्ण पर आज हम एक ऐसे शास्त्र के बारे बात करेंगे जिस के बारे में काफी कम लोग जानते है। आपको किसी नही बोलेगा की पूरी महाभारत पढ़ो पर ये जरूर कहा होगा की गीता पढ़ो क्यों? क्यों की सारा सर उसमे ही है, पूरी महाभारत पढ़ो न पढ़ो पर उसमे जो गीता कही हुई है उसमे उतनी ताकत है कि आपके विचारो को, आपके नजरीये को, आपके जीवन को बदल सकती है। अगर आप शास्त्रों को पढ़ोगे तो देखोगे की एक प्रश्नकर्ता हे जिसे उस विषय के बारे में जान ने की आतुरता है और एक उत्तर देनेवाला जो उस विषय के बारे में सब जानता है, गीता हो या उपनिषद सब में ऐसा ही है। अगर में आपसे पूछूं की रामायण में ऐसा कोनसा हिस्सा है जिसमे एक इत्सुक प्रश्नकर्ता प्रश्न पूछता है और एक पुर्नज्ञानी उसका सचोट जवान देता है, एक ऐसा हिस्सा जो गीता के ही तरह ज्ञानदायक हो? वो हिस्सा है योगवशिष्ट महारामायण।जहां श्री राम प्रश्न पूछते है और वशिष्ठ जी जो की पूर्णज्ञानी और राम जी के गुरु है उत्तर देते है। रामजी की आयु लगभग १६ वर्ष की थी और अभी अभी उ