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जून, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

योगवशिष्ट महारामायण

हमारी संस्कृति में कई सारे ग्रंथ लिखे गए है उनमें से ज्यादातर गीता, वेद और उपनिषद पढ़े जाते है, और वे है ही महत्व पूर्ण पर आज हम एक ऐसे शास्त्र के बारे बात करेंगे जिस के बारे में काफी कम लोग जानते है। आपको किसी नही बोलेगा की  पूरी महाभारत पढ़ो पर ये जरूर कहा होगा की गीता पढ़ो क्यों? क्यों की सारा सर उसमे ही है, पूरी महाभारत पढ़ो न पढ़ो पर उसमे जो गीता कही हुई है उसमे उतनी ताकत है कि आपके विचारो को, आपके नजरीये को, आपके जीवन को बदल सकती है। अगर आप शास्त्रों को पढ़ोगे तो देखोगे की एक प्रश्नकर्ता हे जिसे उस विषय के बारे में जान ने की आतुरता है और एक उत्तर देनेवाला जो उस विषय के बारे में सब जानता है, गीता हो या उपनिषद सब में ऐसा ही है। अगर में आपसे पूछूं की रामायण में ऐसा कोनसा हिस्सा है जिसमे एक इत्सुक प्रश्नकर्ता प्रश्न पूछता है और एक पुर्नज्ञानी उसका सचोट जवान देता है, एक ऐसा हिस्सा जो गीता के ही तरह ज्ञानदायक हो? वो हिस्सा है योगवशिष्ट महारामायण।जहां श्री राम प्रश्न पूछते है और वशिष्ठ जी जो की पूर्णज्ञानी और राम जी के गुरु है उत्तर देते है।  रामजी की आयु लगभग १६ वर्ष की थी और अभी अभी उ

भगवद गीता की सीख - 1

मुझे आज भी याद जब में तक़रीबन १४ साल का था तब मेने भगवद गीता पहली बार हाथ में ली।  हा कुछ खास कारण नहीं था पर बचपन से सुन ते आ रहा था की भगवद गीता में सारे वेदो का ज्ञान है, गीता को पढ़ने से सब की ज़िंदगी बदल जाती है, यहाँ तक की जो भी  कोई भारत का विचारक रहा हो उसने हमेशा इस ग्रंथ प्रसंशा की है।  तो बचपन से पढ़ने का सोख, बहुत कुछ पढ़ लिया तो ये कैसे छोड़ सकता था। भगवद गीता ने मेरे विचारो पर , मेरे जीवन के सिंद्धातो पर , मेरी पसंदगीओ पर बहुत गहरा असर डाला है।  तो में आज कुछ ऐसी सीखो  की बारे में बात करूँगा जो मुझे भगवद गीता से मिली।  तो मॉर्डन ज़माना है इस  मॉर्डन ज़माने के कई धारणाए है , यहाँ धरना का मतलब ये ले रहा हु की की आज का समाज किन किन चीज़ो को महान गिनता है जैसे की गाड़ी , बांग्ला हो, आई फ़ोन , social media पे followers हो तो उसने life  में फोड़ दिया कोई  ऐसी चीज़ न रही जिसके उसमे कमी हो।  ये तो सिर्फ उदहारण है पर जो भी चीज़ हम पर थोपी जाती है की इसे ही cool  कहलाओगे वो चीज़ है धारणा। सवाल हो सकता है मेने इस के लिए धारणा सब्द का ही को प्रयोग किया तो ये सारी  चीज़े हमने खुद  से नहीं खोजी , की